मौर्य साम्राज्य

मौर्य साम्राज्य
मौर्य वंश की स्थापना में चन्द्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य की मदद ली और बाद में चाणक्य चन्द्रगुप्त मौर्य का प्रधानमंत्री बना
चन्द्रगुप्त प्रारम्भ में शैव था बाद में उसने जैन धर्म अपना लिया
अपने जीवन के अंतिम दिनों में चन्द्रगुप्त भद्रबाहु के साथ कर्नाटक में श्रवणबेलगोला चला गया और वहीं उसने संथारा द्वारा मृत्यु प्राप्त की।
उपरोक्त युद्ध की जीत के बाद चन्द्रगुप्त मौर्य का विवाह सेल्यूकस निकेटर ने अपनी पुत्री हेलेना (कॉर्नेलिया) से कर दिया
अवंति (अवंतिका) आधुनिक उज्जैन को कहा जाता है
अशोक के अधिकांश अभिलेखों में उसका नाम देवनामप्रिय या प्रियदर्शी मिलता है?
58 ई. पू. में उज्जैन के स्थानीय राजा ने शकों को पराजित करके बाहर खदेड़ दिया और विक्रमादित्य की उपाधिधारण की
शकों पर विजय के उपलक्ष्य में 57–58ई. पू. से एक नया संवत विक्रम संवत के नाम से प्रारम्भ हुआ
रुद्रदामन–I ने काठियावाड़ की अर्द्धशुष्क सुदर्शन झील (मौर्यों द्वारा निर्मित) का जीर्णोद्धार कराया
कनिष्क ने अपने गद्दी पर बैठने के उपलक्ष्य में एक संवत चलाया जिसे शक संवत के नाम से जाना जाता है
कनिष्क के शासन काल में बौद्ध धर्म दो भागों – हीनयान व महायान में बँट गया
1. जो व्यक्ति महात्मा बुद्ध की मूर्ति बनाकर पूजा करने लगे महायानी कहलाऐ 2. जो व्यक्ति गौतम बुद्ध की मूर्ति बनाकर पूजा नहीं करते थे हीनयानी कहलाऐ
कनिष्क महायान सम्प्रदाय का अनुयायी था
कनिष्क के दरबार में नौ रत्न थे? अश्वघोष, वसुमित्र, पार्श्व, चरक, नागार्जुन, महाचेत, संघरक्ष.
नागार्जुन की रचना है – माध्यमिक सूत्र (इस पुस्तक में नागार्जुन ने सापेक्षता के सिद्धांत का वर्णन किया है)