बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म
Note – गौतम बुद्ध का पालन पोषण उनकी मौसी प्रजापति गौतमी ने किया इसलिए गौतम बुद्ध सिद्धार्थ का नाम पड़ा
घटना प्रतीक
जन्म कमल एंव सांड
ज्ञान पीपल (बोधि वृक्ष)
मृत्यु स्तूप
गृहत्याग घोड़ा
निर्वाण पदचिह्न
Note – 29 वर्ष की अवस्था में गौतम बुद्ध ने गृह त्याग कर दिया
Note – गृह त्याग के बाद सिद्धार्थ (बुद्ध) ने वैशाली के आलारकालाम से सांख्य दर्शन की शिक्षा ग्रहण की। आलारकालाम सिद्धार्थ के प्रथम गुरु हुए
Note – बिना अन्न–जल ग्रहण किए 6वर्ष की कठिन तपस्या के बाद 35वर्ष की आयु में वैशाख की पूर्णिमा की रात निरंजना (फाल्गु) नदी के किनारे, पीपल वृक्ष के नीचे, सिद्धार्थ को ज्ञान प्राप्त हुआ
Note – बुद्ध की मृत्यु 80 वर्ष की अवस्था में कुशीनगर, कुशीनारा (देवरिया उ. प्र.) में चुंद द्वारा अर्पित भोजन करने के बाद हो गई
Note – बौद्ध धर्म मूलतः अनीश्वरवादी है, इसमें आत्मा की परिकल्पना भी नहीं है
Note – बौद्ध धर्म में पुनर्जन्म की मान्यता है

बौद्ध सभाएँ :-

सभा समय स्थान अध्यक्ष शासन काल
प्रथम बौद्ध सभा 483 ई. पू. राजगृह महाकश्यप अजातशत्रु
द्वितीय बौद्ध सभा 383 ई. पू. वैशाली सबकामी काला शोक
तृतीय बौद्ध सभा 255 ई. पू. पाटलिपुत्र मोग्गलिपुत्र तिस्स अशोक
चतुर्थ बौद्ध सभा प्रथम शताब्दी कुण्डलवन वसुमित्र/अश्वघोष कनिष्क
Note – चतुर्थ बौद्ध सभा के बाद बौद्ध धर्म दो भागों में बँट गया था ये थे हीनयान व महायान
Note – अनीश्वरवाद के संबंध में दोनों धर्मों जैन धर्म व बौद्ध धर्म में समानता है
Note – गौतम बुद्ध का जन्म, ज्ञान की प्राप्ति, एंव महापरिनिर्वाण तीनों वैशाख मास की पूर्णिमा के दिन हुए