भारत में यूरोपीय कम्पनियों का आगमन

भारत में यूरोपीय कम्पनियों का आगमन
Note – भारत के समुद्री मार्ग की खोज का श्रेय वास्कोडिगामा को जाता है
Note – ‘भारत की खोज’ का श्रेय भी वास्कोडिगामा को जाता है
Note – 1669 ई. में इंग्लैण्ड के सम्राट चार्ल्स द्वितीय का विवाह पुर्तगाल की राजकुमारी केथरीन से होने के कारण चार्ल्स को दहेज के रूप में बंबई प्राप्त हुआ था, जिसे उन्होंने दस पौंड के वार्षिक किराये पर ईस्ट इण्डिया कम्पनी को दे दिया
Note – 1698 ई. में अंग्रेजों ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने तीन गांव-सूतानाती, कोलीकाता एंव गोविन्दपुरम की जमींदारी 1200 रु. भुगतान कर प्राप्त की और यहां पर फोर्ट विलियम का निर्माण किया। कालान्तर में यही कलकत्ता (कोलकाता) नगर कहलाया। जिसकी नींव जॉब चार्नाक ने रखी
Note – टीपू सुल्तान जैकोबिन क्लब का सदस्य बना

कम्पनी के अधीन गवर्नर जनरल :-

Note –बंगाल का सबसे पहले गवर्नर कौन थे? – रॉबर्ट क्लाइव
Note – रॉबर्ट क्लाइव ने 1765 ई. की इलाहाबाद की संधि के दौरान मुगल सम्राट शाहआलम को कम्पनी के संरक्षण में ले लिया
Note – लार्ड विलियम बेटिंग ने शिशु बालिका की हत्या पर भी प्रतिबंध लगा दिया
Note – डलहौजी ने पृथक रूप से भारत में पहली बार सार्वजनिक निर्माण विभाग की स्थापना की
Note – वुड के डिस्पैच का सम्बंध – शिक्षा संबंधी सुधारों से (विश्वविद्यालयी शिक्षा से)
Note – डलहौजी के शासन काल में ही पहली बार भारतीय नागरिक सेवा हेतु प्रतियोगिता परीक्षा शुरू हुई
Note – लॉर्ड कैनिंग ने विलय की नीति को समाप्त कर दिया।